Wednesday, September 17, 2008

बरसते हम भी थे , रह रह ख्याल आता है
मेरे बरसने से ही दुनिया में रंग आता है
मगर कुछ बदल गई दुनिया की रंगत ऐसी
अब मेरा छूना भी उन्हें चोट सा लग जाता है

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